Tuesday 28 June 2016

कुंडली का ये भाव बताता है आपके परिवार और सुख की बातें





कुंडली का चतुर्थ भाव परिवार और सुख का कारक माना जाता है। चतुर्थ भाव से व्यक्ति की माता, परिवार और पारिवरिक सुख से जुड़ी बातें मालूम होती हैं। प्रॉपर्टी और भवन की बातें भी चतुर्थ भाव से मालूम हो सकती हैं। यहां जानिए अलग-अलग लग्न के अनुसार चतुर्थ भाव की खास बातें...
1. मेष लग्न में चतुर्थ भाव कर्क राशि का होगा और इसका स्वामी चंद्र होगा। चंद्र माता का कारक ग्रह है। यदि चंद्र चतुर्थ भाव में हो तो व्यक्ति को माता से प्रॉपर्टी और अन्य सुविधाएं प्राप्त होती हैं। यदि चंद्र नीच राशि का हो और 6, 8 या 12वें भाव में हो तो पारिवारिक सुख में बाधा का कारण बनता है।
2. वृषभ लग्न में चतुर्थ भाव का स्वामी सूर्य होता है। यदि सूर्य चतुर्थ भाव में हो तो पारिवारिक सुख मिलेगा। चतुर्थ भाव का स्वामी सूर्य तृतीय में हो तो पारिवारिक सुख में कमी रहती है। यदि सूर्य शनि के साथ हो या राहु से युति करता हो तो पारिवारिक सुख में बाधा का कारण बनता है।
3.मिथुन लग्न में चतुर्थ भाव का स्वामी बुध होगा, इस कुंडली में बुध दो केंद्र भावों का स्वामी होगा। बुध लग्न में हो तो पारिवारिक सुख अच्छा रहता है। चतुर्थेश चतुर्थ भाव में हो तो परिवार सुखी रहता है। दशम भाव में बुध हो तो पारिवारिक सुख में कमी रहती है। नवम या पंचम भाव में बुध हो तो यह भी ठीक रहता है।
4. कर्क लग्न में चतुर्थेश शुक्र होगा। शुक्र यदि नवम भाव में हो तो सुख उत्तम मिलता है। एकादश भाव में हो तो पारिवारिक आय अच्छी रहती है। चतुर्थ में हो तो घर-परिवार सुखी होता है। वाहन, मकान-भूमि, माता से लाभ मिलता है।
5. सिंह लग्न में चतुर्थेश मंगल होगा। यदि मंगल नवम में हो तो सुखी, चतुर्थ में हो तो महासुखी और मकान-भूमि का लाभ मिलता है। मंगल नीच का हो या शनि से युति करे या दृष्टि संबंध हो तो भी पारिवारिक सुख नहीं मिलता है।
6.कन्या लग्न में गुरु चतुर्थेश होगा। य‍दि गुरु सप्तम भाव में हो या द्वादश में हो या उच्च का हो या चतुर्थ भाव में हो तो पारिवारिक सुख अच्छा रहता है।
7.तुला लग्न में शनि चतुर्थेश होगा। शनि पंचम भाव में हो, चतुर्थ भाव में हो तो उत्तम सफलता मिलती है। शनि नीच का हो तो पारिवारिक सुख में कुछ कमी रहती है। संतान को कष्ट रहता है।
8.वृश्चिक लग्न में चतुर्थेश शनि होगा। चतुर्थेश चतुर्थ में हो तो परिवार सुखी रहता है। सप्तम में हो तब भी परिवार की स्थिति ठीक रहती है। एकादश-नवम में तब भी अच्छी सफलता मिलती है।
9. धनु लग्न का चतुर्थ भाव मीन का होगा। इस कुंडली में लग्न और चतुर्थ भाव का स्वामी गुरु है। यदि गुरु चतुर्थ भाव में हो तो व्यक्ति का बड़ा घर होता है और यदि शुक्र दशम भाव में हो तो वाहन का सुख मिलता है।
10.मकर लग्न में चतुर्थेश मंगल होता है। यदि मंगल लग्न भाव में हो तो परिवार सुखी रहता है। चतुर्थ भाव का स्वामी चतुर्थ में होगा तो जीवनसाथी को कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
11.कुंभ लग्न में शुक्र चतुर्थ भाव का स्वामी होगा। यदि इसकी स्थिति शुभ हो तो परिवार सुख मिलता है। चतुर्थेश नवम में हो तो भाग्य से उत्तम, परिवार सुख रहता है। चतुर्थ में शुक्र हो तो वाहन सुख और पारिवारिक सुख मिलता है।
12.मीन लग्न में बुध चतुर्थेश होता है। बुध सप्तम भाव में या चतुर्थ में हो तो श्रेष्ठ सुख मिलता है। यदि लग्न भाव में बुध हो तो पारिवारिक सुख में कमी रहती है।